दक्षिणी इटली के बोर्गो एग्नाज़िया में आयोजित G-7 शिखर सम्मेलन वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक है। यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया कई गंभीर संकटों का सामना कर रही है, जिनमें यूक्रेन में युद्ध, खाद्य और ऊर्जा संकट, जलवायु परिवर्तन और चीन-अमेरिका प्रतिस्पर्धा शामिल हैं।
जी-7 नेताओं की कमजोरी:
इस सम्मेलन में शामिल नेताओं की कमजोरी और साख पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई नेता चुनावों या घरेलू संकटों से जूझ रहे हैं, जबकि कुछ सत्ता से चिपके हुए हैं। इस कमजोर नेतृत्व के कारण, यह स्पष्ट नहीं है कि जी-7 इन गंभीर मुद्दों का समाधान ढूंढने में सक्षम होगा या नहीं।
भारत की बढ़ती प्रभावशाली छाप:
इस कमजोर माहौल में, भारत एक उभरती हुई शक्ति के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले एकमात्र गैर-पश्चिमी नेता हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अपने मेहमानों का स्वागत "नमस्ते" से किया, जो भारत की बढ़ती सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रभावशाली छाप का प्रतीक है।
भारत की महत्वपूर्ण भूमिका:
भारत को वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा है, जो इन गंभीर मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता और वैश्विक शांति और सुरक्षा में योगदान इसे G-7 के लिए एक मूल्यवान भागीदार बनाते हैं।
संभावित चर्चा के विषय:
G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें शामिल हैं:
- रूस-यूक्रेन युद्ध: युद्ध की समाप्ति और यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए एक रणनीति तैयार करना।
- खाद्य और ऊर्जा संकट: वैश्विक खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय करना।
- जलवायु परिवर्तन: जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाना।
- चीन-अमेरिका प्रतिस्पर्धा: वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच तनाव को कम करना।
निष्कर्ष:
G-7 शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अवसर है जब दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा और सहयोग कर सकते हैं। भारत की बढ़ती प्रभावशाली छाप और महत्वपूर्ण भूमिका इस सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- G-7 शिखर सम्मेलन एक कमजोर नेतृत्व के साथ एक कमजोर समूह के रूप में देखा जा रहा है।
- भारत एक उभरती हुई शक्ति के रूप में उभर रहा है और G-7 के लिए एक मूल्यवान भागीदार है।
- G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
- भारत की बढ़ती प्रभावशाली छाप और महत्वपूर्ण भूमिका इस सम्मेलन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।