प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत की संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में दशकों के बाद एक सरकार को तीसरी बार देश की सेवा करने का मौका मिला है, जो 60 साल बाद हुआ है। उन्होंने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा कि मणिपुर में स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है, और वहां की स्थिति में सुधार हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले पांच सालों में किए गए कार्यों की तुलना कांग्रेस के कार्यकाल से करते हुए कहा कि जितना काम उनकी सरकार ने पांच साल में किया, उतना करने में कांग्रेस को 20 साल लग जाते। उन्होंने नॉर्थईस्ट में स्थायी शांति के लिए किए गए प्रयासों का भी जिक्र किया और बताया कि राज्यों के बीच सीमा विवादों को हल करने के लिए उनकी सरकार काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने संविधान पर बोलते हुए कहा कि कांग्रेस को संविधान की बात करना शोभा नहीं देता, क्योंकि उन्होंने इमरजेंसी के दौरान संविधान का उल्लंघन किया था। उन्होंने मुलायम सिंह यादव के बयान का जिक्र कर अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनमें सच सुनने का साहस नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संसद का अपमान किया है, जब उन्होंने प्रधानमंत्री का जवाब सुनने से इंकार कर वॉकआउट किया।
उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है और उनकी सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंचाया है। उन्होंने संविधान के प्रति आस्था का भाव जगाने के लिए संविधान दिवस मनाने का समर्थन किया।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में सांसदों के योगदान की सराहना की और कहा कि जनता ने परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी है, न कि प्रोपगेंडा को। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक होंगे और भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।