"मजाक समझ रखा है क्या?": SC जजों ने NIA को लगाई कड़ी फटकार, बताए अधिकार

 नई दिल्ली: 2 जुलाई, 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक आरोपी को चार साल तक जेल में रखने के बाद भी मुकदमा शुरू न करने पर कड़ी फटकार लगाई।** जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीएन गोस्वामी की पीठ ने कहा कि NIA "कानून का मजाक उड़ा रही है" और आरोपी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है।


पीठ ने NIA को निर्देश दिया कि वह आरोपी के खिलाफ मुकदमा तुरंत शुरू करे और सुनिश्चित करे कि उसे त्वरित सुनवाई का अधिकार मिले। जस्टिस शाह ने कहा, "यह मजाक की बात है कि आरोपी को चार साल से जेल में रखा गया है और चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई है।** आप कानून का मजाक उड़ा रहे हैं।**"

यह मामला महाराष्ट्र के एक व्यक्ति से जुड़ा है, जिस पर 2020 में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। NIA ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं की थी।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत कानूनी विशेषज्ञों ने किया है। उन्होंने कहा कि यह आरोपियों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला है।

इस फैसले से NIA को यह संदेश गया है कि वह कानून से ऊपर नहीं है और उसे आरोपियों के अधिकारों का सम्मान करना होगा।

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