अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से चीन को निशाने पर लेते हुए अमेरिका की ताकत का प्रदर्शन किया है। ट्रंप ने हाल ही में एक रैली के दौरान कहा कि अमेरिका के पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना है और वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन और अमेरिका के बीच तनाव अपने चरम पर है।
अमेरिकी सेना की शक्ति पर ट्रंप का विश्वास
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की सेना न केवल ताकतवर है, बल्कि वह दुनिया की सबसे आधुनिक सेना है जो किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास ऐसे सैन्य उपकरण और तकनीक हैं, जिनके सामने कोई भी देश टिक नहीं सकता। उनके इस बयान को अमेरिका के प्रति उनकी निष्ठा और सेना की ओर विश्वास के रूप में देखा जा रहा है।
चीन पर कटाक्ष और अमेरिका की ताकत का प्रदर्शन
चीन पर सीधा कटाक्ष करते हुए ट्रंप ने कहा कि चीन भले ही अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ाने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन अमेरिका के पास जो ताकत और अनुभव है, उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका का उद्देश्य शांति कायम रखना है, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो वह अपनी सेना का इस्तेमाल करने में हिचकेगा नहीं।
चुनावी रणनीति और ट्रंप का चीन विरोधी रुख
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर दिया गया है। अमेरिका के नागरिकों के बीच चीन विरोधी भावना को भुनाने की कोशिश में ट्रंप अपने समर्थकों को संदेश दे रहे हैं कि उनकी सरकार के दौरान अमेरिका की ताकत सबसे अधिक थी। उनका यह रुख उन्हें अगले चुनावों में फायदा दिला सकता है।
ट्रंप का यह बयान अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव को और हवा दे सकता है। लेकिन ट्रंप के समर्थक इसे उनकी मजबूत नेता की छवि का प्रमाण मान रहे हैं।