तरबूज के बीज, जिन्हें ‘मगज’ के नाम से जाना जाता है, की कीमतों में हाल के दिनों में काफी वृद्धि दर्ज की गई है। सूडान से आयात में कमी और घरेलू बाजार में बढ़ती मांग के कारण यह बढ़ोतरी हुई है।
भारत में मगज का उपयोग विभिन्न मिठाइयों, स्नैक्स और पारंपरिक व्यंजनों में होता है। सूडान, जो कि भारत के लिए मगज का एक प्रमुख निर्यातक रहा है, से आयात में गिरावट आने के कारण घरेलू बाजार में इसकी कमी हो गई है।
सूडान से आयात में कमी के कारण
सूडान में चल रही राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता ने वहां के कृषि और निर्यात उद्योग पर बुरा असर डाला है। इससे मगज का उत्पादन और निर्यात दोनों प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही, सूडान के साथ व्यापारिक संबंधों में भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिससे भारत को मगज की आपूर्ति में कमी आई है।
घरेलू मांग में इजाफा
दूसरी तरफ, भारत में मगज की घरेलू मांग में भी इजाफा हुआ है। मिठाइयों और स्नैक्स की बढ़ती मांग के साथ-साथ त्योहारों के मौसम में इसका उपयोग बढ़ गया है। इस बढ़ती मांग के कारण कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सूडान से आयात में जल्द सुधार नहीं हुआ, तो घरेलू बाजार में मगज की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।